Tuesday 27 December 2022

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

 

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

आपका नाम इन चू,चे,चोला,ली,लू,ले,लो,अ अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=PdBExhkOo2g

 

आपका नाम इन ई,,,,वा,वी,वु,वे, अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=VoPx4Gclnik

 

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https://www.youtube.com/watch?v=5njlpfELhFU

 

आपका नाम इन हि,हे,हु,हो,डा,डी,डू,डे,डो अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=a576uLcdCII

 

आपका नाम इन मा,मी,मू,मे,मो,टा,टी,टु,टे अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=vXtUqCVoiYM

 

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https://www.youtube.com/watch?v=k02MzQobpU4

 

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https://www.youtube.com/watch?v=8yrSIMSQXWA

 

आपका नाम इन तो,ना,नी,नू,नेयो,या,यि,यु अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=g2MfatG8eqo

 

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https://www.youtube.com/watch?v=jFm0jNWyyzs

 

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https://www.youtube.com/watch?v=3W8s4MPNjE4

 

 

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https://www.youtube.com/watch?v=0kr7tIyk5qw

 

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https://www.youtube.com/watch?v=yK_gpRC5brM

 

 

Friday 9 October 2020

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए


आपका नाम इन चू
,चे,चो, ला,ली,लू,ले,लो,अ अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=PdBExhkOo2g

 

आपका नाम इन ई,,,,वा,वी,वु,वे, अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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आपका नाम इन हि,हे,हु,हो,डा,डी,डू,डे,डो अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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आपका नाम इन रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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आपका नाम इन तो,ना,नी,नू,ने, यो,या,यि,यु अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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आपका नाम इन ये,यो,भा,भी,भू,धा,,,भे अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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आपका नाम इन भो,जा,जी,जू,खि, खा,खु, खो, गा,गि अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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आपका नाम इन गू,गे,गो,सा,सी,सू,से,सो,द अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=0kr7tIyk5qw

 

आपका नाम इन दा,दु,,,दे,दो,चा,चि अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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Wednesday 13 March 2019

शनि अमावस्या महोत्सव

4 मई 2019 शनि अमावस्या महोत्सव आओ चले श्री शनिधाम, असोला, फह्तेपुर बैरी, छत्तरपुर, नई दिल्ली 110074 
https://www.facebook.com/ShreeShanidham/4 मई 2019 शनि अमावस्या महोत्सव आओ चले श्री शनिधाम, असोला, फह्तेपुर बैरी, छत्तरपुर, नई दिल्ली 110074
     

Sunday 13 April 2014

श्री शनिधाम की सार्थक पहल - अरुण जैन

नवरात्रों के शुभ अवसर पर शनिधाम में आयोजित महिला सशक्तिकरण के तहत मिशनपूर्ण शक्ति के तत्वाधान में मदर एनजीओ श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में असहाय, गरीब व  विधवा महिलाओं को सिलाई मशीन, हाथ रेहड़ी व ट्राई साइकिल देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की एक कारगर पहल की गयी। ये आयोजन कोई पहला नहीं है। ऐसा आयोजन तो  शनिधाम ट्रस्ट समय-समय पर करता रहता है। अभी तक इन आयोजनों से हजारों महिलाओं को राहत प्रदान की गयी है। फिलहाल इस अवसर पर 40 विधवा महिलाओं को हाथ रेहड़ी व 2100 रुपये नगद राशि देकर स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया। वहीं 51 असहाय गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की कोशिश की गयी है और 31 नि:शक्त विकलांग महिलाओं को ट्राई साइकिल देकर उनके चलने-फिरने के लिए मदद की गयी है।
इस मौके पर महिला व बालविकास मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार जैन ने कहा कि श्री शनिधाम ट्रस्ट ने जनहित कार्य करके एक सार्थक पहल की है। ट्रस्ट पिछले कई सालों से ऐसा कार्य करता आ रहा है। मुझे पिछले दिनों संयोग से राजस्थान जाने का मौका मिला, तब मुझे दाती महाराज द्वारा संचालित बहुत सी जनउपयोगी योजनाओं के बारे में जानकारी मिलने से बहुत खुशी हुई कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और देश बचाओ के अभियान में श्री शनिधाम ट्रस्ट की भूमिका सराहनीय है। आश्चर्यचकित हो गया जब मैं गुरुकुल आश्वासन बालग्राम का अवलोकन किया। वहां के रहन-सहन व खान-पान व शिक्षा व संस्कार का अनूठा संगम देखकर मुझे अपना बचपन याद आ गया।
इस कार्य के लिए दाती महाराज व उनका ट्रस्ट साधुवाद का पात्र है और प्रभु से प्रार्थना है कि वे दीर्घायु हों, उनका ट्रस्ट हमेशा ऐसे ही जनकल्याणकारी कार्यों में संलग्न रहे। वहीं मिशन की निर्देशिका रश्मि सिंह ने कहा कि शनिधाम ट्रस्ट मिशन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है। इसके लिए दाती महाराज को नमन करती हूं और आशा करती हैं कि भविष्










य में भी ऐसा सहयोग करते रहेंगे। इस अवसर पर दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सुनिल गर्ग ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं आज इस कार्यक्रम में उपस्थित हूं। दाती महाराज के जनकल्याणकारी कार्य बहुत अनूठे व प्रेरणादायक हैं। हर मनुष्य को समाज में जनहित कार्य करते रहना चाहिए। उससे आने वाली पीढ़ी को भी प्रोत्साहन मिलेगा। सीनियर आईएएस सरिता सिंह ने कहा कि शनिधाम ट्रस्ट की गतिविधियों को देकर मैं बहुत प्रभावित हुई। सच में गरीब व असहाय लोगों मदद के लिए हमेशा शनिधाम ट्रस्ट तत्पर रहता है। सीनियर आईएएस रमेश तिवारी, एस.सी.एस.टी.सेल की सदस्य के कमला कुमारी व एस.सी.एस.टी.सेल की डायरेक्टर के.डी. बंसौर ने भी सभा को संबोधित किया। एएसजी हॉस्पिटल के सशांक गांग, अरुण सिंघवी, रासविहारी, सुप्रिया बंसौर, अजय चौपड़ा, भूपेश कुमार सिंह आदि गणमान्य लोग भी मौजूद थे। मंच संचालक उर्वशी जैन ने किया।

Monday 15 October 2012

आओ शक्ति का बोध प्राप्त करने की युक्ति से जीवन को सार्थक करें



विजय दशमी के रूप में प्रसिद्घ यह त्योहार पूरे देश में विभिन्न नामों और तरीकों से मनाया जाता है। इसके मनाने के पीछे सामाजिक और धार्मिक परंपराएं तो हैं ही साथ ही साथ इसकी पृष्ठïभूमि में कुछ पौराणिक और एतिहासिक संदर्भ भी प्रस्तुत किये जाते हैं।
यह महान पर्व आदि शक्ति देवी भगवती दुर्गा की आराधना का पर्व है जो उनकी दिव्य शक्तियों से अवगत कराते हुए हमें सत्य पथ पर चलने की प्रेरणा देता रहता है। यह शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा सर्व देवी-गुणों (ज्ञान, भक्ति, विवेक और वैराग्य आदि) से संपन्न आदि शक्ति मानी जाती हैं। आदि शक्ति के गुणों की चर्चा दुर्गा-सप्तशती और श्रीमद्ïभाग्वत पुराण नामक धर्म ग्रंथों में बड़े विस्तार से मिलती है। उन्हीं ग्रंथों के आधार पर देवी की आराधना आश्विन के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक नवरात्र उत्सव के रूप में की जाती है। कहीं-कहीं दशमी के दिन रामलीला (मर्यादापुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र के जीवन और कार्यों पर आधारित नाटक) का आयोजन भी होता है। क्योंकि जनश्रुति है कि इसी दशमी के दिन रामचंद्र जी ने अन्यायी और अत्याचारी शासक रावण पर विजय प्राप्त की थी।
परंतु किसी भी प्रसिद्घ गं्रथ में यह चर्चा नहीं है कि राम ने इसी दिन ही रावण का वध किया। हां, यह चर्चा अवश्य है कि इसी दिन राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए अपनी विजय यात्रा प्रारंभ की थी। किंतु जनश्रुति के आगे धर्म ग्रंथों की बात दब सी गयी और लोग इस दिन को रावण का मारा जाना ही सही मानते हैं और जगह-जगह इसी दिन रावण के पुतले भी जलाये जाते हैं।
            ऐसा कहा जाता है कि स्वयं भगवान रामचंद्र ने लंका पर चढ़ाई से पूर्व नवरात्र में आदि शक्ति देवी भगवती की पूजा की थी। अत: आदि शक्ति दुर्गा और श्री रामचंद्र में श्रद्घा रखने वाला हर श्रद्घालु भक्त बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ विजयादशमी पर्व को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से मनाता है। वैसे तो हर पर्व के पीछे कोई न कोई धार्मिक और आध्यात्मिक कारण रहता है, लेकिन इस महान पर्व की महिमा इसीलिए विशेष है कि इसका मुख्य संबंध शक्ति से है। जिसकी महिमा प्राचीन ऋषियों और आधुनिक वैज्ञानिकों दोनों ने समान रूप से स्वीकार किया है। एक तरफ- दुर्गा सप्तशती में आदि शक्ति को सृजन और संहार से परे बताते हुए उन्हें सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक बताया गया है। शक्ति को अजर, अमर, अनादि और अनंत बताते हुए उसे हर प्राणी और वस्तु में स्थित कहा गया है। यथा-
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता.....।
            और, दूसरी तरफ विज्ञान कहता है Energy is neither created nor destroyed अर्थात  शक्ति (ऊर्जा) का न तो सृजन होता है और न विनाश होता है। परंतु देवी, जिसकी आराधना सभी देवी भक्तों ने की है, उसे शक्ति का एक चैतन्य स्वरूप माना गया है। दूसरी तरफ विज्ञान के अनुसार शक्ति उत्पत्ति और संहार से परे तो है, परंतु जड़ है, अचेतन है। फिर भी दोनों मान्यताओं के अनुसार यह सभी भूत प्राणियों और सभी अणु-परमाणुओं में स्थित है। स्पष्टï है- यह हर मनुष्य के अंतरतम में भी स्थित है। संभवत: इसीलिए स्वामी विवेकानंद जी का कहना है- अपने अंदर के देवत्व को प्रकट करो। इसको प्रकट करने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न करने की जरूरत है, जिनमें अंतर्मुख करने वाले साधनों का अभ्यास सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। परंतु जब हम केवल बाहरी पूजा-आराधना तक ही सीमित रहते है, या भौतिक शक्तियों की प्राप्ति मात्र के लिए ही जप-तप, संयम का सहारा लेते हैं तो हमें अंदर मुडऩे का अवसर नहीं प्राप्त हो पाता। इसके विपरीत हम बहिर्मुखी हो जाते हैं और बाह्यï सिद्घियों की प्राप्ति कर केवल यश और अहं के चपेट में आ जाया करते हैं, अर्थात अविद्या का दास बनकर अज्ञानांधकार में भटकने लगते हैं।         संयोगवश कोई व्यक्ति जब समय के सच्चे अनुभवी संत-महापुरुष के संपर्क में आता है तो उसे उनसे अंतर्मुख होने वाला साधन अर्थात तत्वज्ञान की प्राप्ति होती है जिससे सच्ची शक्ति (देवी) या देवत्व की पहचान होती है। क्योंकि देवी को दुर्गा सप्तशती में ज्ञानस्वरूप भी कहा गया है। यथा-
या देवी सर्वभूतेषु ज्ञानरूपेण संस्थिता....।
            अर्थात वह आदि शक्ति हर भूत प्राणी में ज्ञान के रूप में विराजमान है, जिसे व्यावहारिक रूप से जानकर उपासना करना ही सच्ची आराधना है, सच्ची देवी पूजा या दुर्गा पूजा है। वास्तवमें दशहरा मनाने का यही सर्वोत्तम तरीका है। जब हमारे आंतरिक अनुभव शक्ति के प्रभुत्व से हमारे अंदर उपस्थित अज्ञानजनित विकारों की पराजय होगी तभी हम सही मायनों में रावण पर राम की विजय यात्रा को अपने वर्तमान जीवन में उतार पायेंगे। दशहरा पर्व हम सभी को ऐसा ही करने (शक्ति बोध या आत्म बोध प्राप्त करने) की प्रेरणा प्रदान करता है।
पुन: इस संदर्भ में यह कहना अनुचित न होगा कि आज जब संसार में सभी तरफ शक्ति संतुलन की बात की जा रही है उसकी शुरुआत हर व्यक्ति अपने आप से करे। क्योंकि अतीत से प्रारंभ शक्ति संघर्ष आज भी लाख प्रयत्न के बावजूद जारी है और इस धरती पर पहले ही मनुष्यों ने कितनी विनाश लीलाएं देखी हैं।
अत: ऋषि मुनियों द्वारा निर्दिष्टï चैतन्य आदि शक्ति और आधुनिक भौतिक विज्ञान वेत्ताओं द्वारा बतलायी गयी अचेतन शक्ति के बीच लुप्त कड़ी को किसी समय के मार्गदर्शक महापुरुष की शरणागत होकर जानने का प्रयत्न करें। उस लुप्त कड़ी का अहसास हर व्यक्ति को जब व्यक्तिगत स्तर पर होगा, मात्र सैद्घांतिक ही नहीं, स्वानुभूति पर आधारित होगा। तब स्वत: ही हम एक सुंदर सामंजस्य की तरफ अग्रसर होंगे और यह विश्व में शक्ति संतुलन स्थापित करने में एक आधार का काम करेगी। वह लुप्त कड़ी को किसी समय के मार्गदर्शक महापुरुष की शरणागत होकर जानने का प्रयत्न करें। उस लुप्त कड़ी का अहसास हर व्यक्ति को जब व्यक्तिगत स्तर पर होगा, मात्र सैद्घांतिक ही नहीं, स्वानुभूति पर आधारित होगा। तब स्वत: ही हम एक सुंदर सामंजस्य की तरफ अग्रसर होंगे और यह विश्व में शक्ति संतुलन स्थापित करने में एक आधार का काम करेगी।
वह लुप्त कड़ी और कुछ नहीं, हमारी अपनी ही मूल शक्ति है, वह हमारे अस्तित्व की मूल इकाई है। उस मूल शक्ति के बोध के अभाव में विश्व की विकट परिस्थितियों का कोई समाधान निकलता प्रतीत नहीं होता। अफसोस है कि लोग उस मूल शक्ति को जानने पहचानने तथा पूर्ण मनुष्यत्व की मूल अवधारणा को अपनाने आदि की बातें तो करते हैं, किंतु बहुत कम लोग अपने गोरखधंधे से थोड़ा समय निकालकर इस महत्वपूर्ण पहलू पर विचार करते हैं, आगे कदम बढ़ाकर इसकी अनुभूति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। आएं, हम दशहरा पर्व पर अपने आप में बैठी रावणी वृति के पराभव के लिए आदि-शक्ति की वास्तविक आराधना करें। अपनी मूल शक्ति का व्यवहारिक बोध प्राप्त करने की युक्ति जानकर इस जीवन को सार्थक करें।

Wednesday 15 June 2011

क्या चन्द्र ग्रहण की पूजा से बरसेगा धन ?


चन्द्र ग्रहण की पूजा से बरसेगा धन
15 तारीख की रात 11:53 मिनट पर
होगा आपके किस्मत का कनेक्शन
मां लक्ष्मी होगी मेहरबान
धन की होगी बरसात
कुबेर होंगे मेहरबान
धनवंतरी बरसाएंगे दया
होगा रोगों का निदान
पारिवारिक सुख-शांति में वृद्घि होगी
होगा आपका कल्याण
क्योंकि
कुंभ लग्न में हैं ग्रहण
कुंभ लग्न का स्वामी शनि
शनि से आठ के आठ ग्रहों का संबंध
बृहस्पति का षडाष्टïक संबंध
मंगल और केतु का नवम पंचम संबंध
सूर्य और बुध का चर्तुदशम संबंध
राहु और चंद्रमा का त्रिएकादश संबंध
खगोल की अविस्मरणीय घटना
साधना, पूजा-पाठ, मंत्र जाप और दान के लिए अति अनमोल समय
बरसेगा धन
मिलेगा आपको मान-सम्मान
परिवार में होगा अमन और चैन
अपनों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा
संतान को मिलेगी सफलता
घर आएगी मां-लक्ष्मी
ऋण और रोग से मिलेगा छुटकारा
अध्यात्म साधनाओं का मिलेगा लाभ
धर्म में बढ़ेगी रूचि
बुजुर्गों का मिलेगा आशीर्वाद
व्यापार में होगी वृद्घि
आर्थिक पक्ष सुदृढ़ होगा।
दुर्घटनाओं से पीछा छुटेगा
क्योंकि यह चंद्र ग्रहण खास है।
15 जून 21वीं सदी का अभूतपूर्व और अद्ïभुत चंद्र ग्रहण
300 साल के बाद 30 दिन में 3 ग्रहण का दुर्लभ संजोग
2 जून को सूर्य ग्रहण
15 जून को चंद्र ग्रहण
1 जुलाई पुन: सूर्य ग्रहण
ज्येष्ठï मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का विशेष महत्व
ये बुधवार कमाल करेगा
क्योंकि ज्येष्ठïा नक्षत्र, वृश्चिक राशि पर ग्रहण का स्पर्श
मूल नक्षत्र और धनु राशि पर खग्रास चंद्र ग्रहण का समापन
ग्रहण प्रारंभ बुधवार रात्रि 11:53 मिनट पर
खग्रास चंद्र ग्रहण प्रारंभ 12:52 मिनट पर
पूर्ण खग्रास 15 जून रात्रि 1:43 मिनट पर
खग्रास समाप्त 2:33 मिनट पर
ग्रहण की समाप्ति 3:33 मिनट पर
चंद्र ग्रहण कहां-कहां देखा जा सकेगा
भारत, साऊदी अरब, आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्वी एशिया, दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर और उत्तर पूर्व रूस में दिखाई देगा
चंद्र ग्रहण का सूतक विचार
इस ग्रहण का सूतक 15 जून 2011 को दोपहर 2:52 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा।
ग्रहण काल तथा बाद मेें करने योग्य कार्य
ग्रहण से पूर्व पवित्र जल से स्नान कर मंत्र जाप, पाठ एवं ध्यान करना अति शुभ रहेगा।
ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: पवित्र जल से स्नान अवश्य करना चाहिए।
स्नान के उपरांत ग्रहण समाप्ति के बाद किये गए मंत्रों दशांश, हवन और यज्ञ एवं राशि अनुसार दान अवश्य करें।
15 जून को सूर्यास्त के बाद दान देने योग्य वस्तुओं का संग्रह करके संकल्प कर लेना चाहिए।



इस अभूतपूर्व और अविस्मरणीय चंद्र ग्रहण पर द्वादश राशियों के लोग क्या पूजा करें कि संपूर्ण मनोकामना की पूर्ति हो
यह ग्रहण बहुत ही खास है
इस बात का विशेष ध्यान रखें।
पूजा प्रारंभ की समस्त सामग्री सूर्यास्त से पहले ही घर में मंगवाकर रख लें।
पूजा सामग्री में कुशा अवश्य रखें।
इस बात का ध्यान रखें।

मेष राशि
किसी लाल कपड़े में बूंदी के आठ लड्डïू बांध लें। इसके पश्चात इस मिठाई वाले कपड़े को अपने सामने रखकर घी का दीपक जला लें तथा वहीें बैठ कर ऊँ ह्रïीं श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब कन्याओं को बांट दें।
वृष राशि
सवा किलो चावल सफेद कपड़े में बांधकर अपने सामने रख लें तथा घी का दीपक जला कर अपने इष्टïदेव का ध्यान करें। उसके बाद ऊँ गोपालाय उत्तर ध्वजाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान पक्षियों को चुगने हेतु डाल दें।
मिथुन राशि
भीगे हुए मूंग 250 ग्राम एवं 11 इलायची अपने सामने रख लें। घी का दीपक जला कर इष्टïदेव का ध्यान करें। इसके पश्चात ú क्लीं कृष्णाय नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान किसी देवी मंदिर में रख कर आ जाएं।

कर्क राशि
कर्क राशि पर ग्रहण होने पर सफेद कपड़े में चावल, मिश्री तथा चाँदी का छोटा सा टुकड़ा या तार रख कर पोटली बना लें। इस पोटली को अपने सामने रखकर घी का दीपक जला लें तथा ú हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान किसी शिव मंदिर में या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें।

सिंह राशि
सिंह राशि पर ग्रहण पडऩे से गेहूं, तांबे के पात्र में भरकर उसके ऊपर थोड़ा सा गुड़ एवं लाल चंदन का एक टुकड़ा रख लें। अब सूर्यदेव को प्रणाम कर घी का एक दीपक जला लें। उसके पश्चात ú क्लीं ब्रह्मïणे जगदाधाराय नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान ताम्रपात्र सहित सदाचारी ब्राह्मïण को दान में दे दें।

कन्या राशि
श्रद्घानुसार पालक और हरी चूडिय़ां, हरा कपड़ा अपने पूजा स्थान में रखें। घी का दीपक जलाएं और ú नमो प्रीं पीताम्बराय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों में बांट दें।

तुला राशि
एक कटोरे में सवा किलो ज्वार ले लें। पूजा स्थान में अपने सामने रख दें। घी का दीपक जलाकर ú तत्त्वनिरजनायतारकरामाय नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों में बांट दें।
वृश्चिक राशि
लाल कपड़े में गुड़ की रेवड़ी या कोई लाल रंग की मिठाई बांधकर अपने सामने रख लें तथा घी का दीपक जलाकर अपने इष्टïदेव का ध्यान करे तथा ú नारायणाय सुरसिंहासनाय नम: मंत्र का जाप करे। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान कन्याओं में बांट दें।
धनु राशि
9 पीले फल, 9 हल्दी की गांठ पीले कपड़ें में श्रद्घासनुसार दक्षिणा बांध कर अपने सामने रख लें। घी का दीपक जलाकर ऊँ श्री देवकृष्णाय ऊध्र्वान्तकाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह किसी मंदिर में रखकर आ जाएं।

मकर राशि
मकर राशि वालें मिट्टïी के कुल्हड़ में तिल का तेल भरकर अपने सामने रखें। तेल का दीपक जलाकर ऊं श्री वत्सलाय वत्स राजाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गौशाला या गरीब व्यक्ति को दे दें।

कुम्भ राशि
कुंभ राशि वालें जातक लोहे के पात्र में 250 ग्राम काले उड़द, 250 ग्राम काले तिल अलग-अलग भरकर अपने सामने रख दें। तिल के तेल का दीपक जलाकर ऊँ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों में बांट दें।

मीन राशि
मीन राशि वालें लोग चने की भीगी हुई दाल 700 ग्राम उस पर 125 ग्राम गुड़ रखकर अपने सामने रखें। तत्पश्चात ऊँ क्लीं उद्ïधृताय उद्घारिणे नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गाय को अपने हाथ से खिला दें।
ग्रहण के दिन किया जाने वाला अभूतपूर्व, कल्याणकारी तत्क्षण फल देने वाला दान

मेष राशि
मंगलवार के दिन लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।
वृषभ राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

मिथुन राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरूष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।

कर्क राशि
चन्द्रमा की वस्तुओं का दान करें, जैसे - दही, चावल, सफेद व, सफेद चंदन, चीनी आदि का दान दें। अवश्य लाभ मिलेगा।

सिंह राशि
सूर्य से संबंधित दान की वस्तुएं, जैसे - लाल व, गेहूं, लाल चंदन, बछड़े सहित लाल गाय, माणिक्य, तांबे के बर्तन, नारियल एवं लाल फल सहित किसी सुपात्र या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराकर इन वस्तुओं का दान देने से सूर्य के अनुकूल फल की प्राप्ति में सुगमता आती है।

कन्या राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरुष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।
तुला राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

वृश्चिक राशि
लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।

धनु राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। जैसे पीले चावल, चने की दाल, शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूश को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

मकर राशि
काले तिल, उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र, ऊन, कुलथी दान दें। संपूर्ण मनोकामना पूरी होगी

कुंभ राशि
श्रद्घानुसार जौ, देसी चने, गुड़, नीले पुष्प, जूता, छाता, कस्तूरी आदि श्रद्घानुसार दान करने से लाभ प्राप्त होगा।

मीन राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूष को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

Tuesday 14 June 2011

ग्रहण का राशियों पर प्रभाव




15 जून 21वीं सदी का अभूतपूर्व और अद्ïभुत चंद्र ग्रहण


होरा शास्त्र के अनुसार इन ग्रह योगायोग का बारह राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
सावधानी

मेष राशि वालों के लिए ग्रहण अष्टïम भाव में रहेगा।
पारिवारिक मतभेद से बचना होगा।
विवादित भूमि संबंधी सौदों से दूर रहना होगा।
क्रोध और हठधर्मिता नुकसान का कारण बनेगी।
प्रभाव
और यह परिवर्तन मेष राशि वालों के लिए मनोनुकूल रहेगा।
अकस्मात व्यापार में लाभ होगा।
धन वृद्घि के अवसर बढ़ेगे।
व्यापारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी।
आय के नये साधनों की प्राप्ति का प्रबल योग।
वृषभ राशि
सावधानी

वृषभ राशि वालों के लिए ग्रहण सप्तम भाव में रहेगा।
अनावश्यक शत्रुता से बचें।
कार्य परिवर्तन और स्थान परिवर्तन से बचें।
पित्तदोष संबंधी बीमारी से सावधान।
प्रभाव
वृषभ राशि वालों के लिए यह कॅरियर संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।
सरकार से लाभ मिलेगा।
मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
यात्राएं मनोनुकूल रहेगी।


मिथुन राशि
सावधानी
मिथुन राशि वालों के लिए ग्रहण छठे भाव में रहेगा।
बुरे व्यसन दु:खों के कारण बनेंगे।
आंखों संबंधी तकलीफ में सावधानी बरतें।
मान-सम्मान के प्रति सजग रहें।

प्रभाव
छठे भाव में राहु मनोनुकूल और लाभदायिक फल प्रदान करेगा।
उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।
मनोनुकूल प्रमोशन और स्थान परिवर्तन का योग।
मनोअभिलाषाएं पूरी होंगी।
अनावश्यक बीमारियों से पीछा छुटेगा।
शत्रुओं पर विजय होगी।


कर्क राशि
सावधानी
कर्क राशि वालों के लिए ग्रहण पंचम भाव में रहेगा।
व्यर्थ की मानसिक चिंताओं से सावधान रहें।
स्त्रियों से अपमान का भय हो सकता है।
संतान संबंधी परेशानी भी रह सकती है।
प्रभाव
त्रिकोण भाव में राहु अनुकूल और लाभदायक फल प्रदान करेगा।
लेन-देन के मसलें निपटेंगे।
कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।
अकस्मात धन कोष में वृद्घि होगी।
शेयर मार्किट में लाभ।
धन और ऐश्वर्य का संपूर्ण सुख प्राप्त होगा।


सिंह राशि
सावधानी
सिंह राशि वालों के लिए ग्रहण चौथे भाव में रहेगा।
प्रतिकूल आवास परिवर्तन की संभावना।
जन्म भूमि से दूर जाना पड़ सकता है।
सरकारी अफसरों से विरोध।
जमीन जायदाद के मसलें परेशानी दे सकते हैं।
प्रभाव
सिंह राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन सामान्य रहेगा।
लाभ प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।
परिश्रम के अनुकूल फल की प्राप्ति होगी।
बुजुर्गों की सेवा का अवसर प्राप्त होगा।
संतान पक्ष से विशेष लगाव रहेगा।


कन्या राशि
सावधानी
कन्या राशि वालों के ग्रहण तीसरे भाव में रहेगा।
लंबी यात्राओं से बचें।
छोटे भाई-बहनों से बनाकर रखें।
नौकरी में अपने बॉस का विरोध नहीं करें।
प्रभाव

कन्या राशि वालों के यह राशि परिवर्तन शुभ और अनुकूल रहेगा।
संपूर्ण महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी।
कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।
कारोबार के एक से अधिक साधन उपलब्ध होंगे।
अनावश्यक भय, भ्रांति और भ्रम से छुटकारा मिलेगा।
घर में मांगलिक कार्य संपन्न होगा।


तुला राशि
सावधानी
तुला राशि वालों के लिए ग्रहण दूसरे भाव में रहेगा।
अनैतिक कार्यों से दूर रहें।
दैनिक दिनचर्या नियमित रखें।
खान-पान के प्रति सजग रहें।
प्रभाव
तुला राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन मध्यम रहेगा।
हल्की सी चूक नुकसान का कारण बन सकती है।
जिस तरह के ग्रह योगायोग है कारोबार में अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
मानसिक तनाव परेशानी का कारण बनेगा।
बनते हुए कामों में रुकावट।
और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

वृश्चिक राशि

सावधानी
वृश्चिक राशि वालों के लिए ग्रहण लग्न में रहेगा।
मानसिक चिंताओं को हावी नहीं होने दें।
निराशाओं से दूर रहें।
क्रोध और चिड़चिड़े स्वभाव पर नजर रखें।
प्रभाव
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा।
व्यापार में वृद्घि होगी।
व्यवसायिक नवीन योजनाएं बनेगी।
मनोनुकूल लाभ की प्राप्ति होगी।
सामाजिक मान-सम्मान और सुयश में बढ़ोतरी होगी।



धनु राशि
सावधानी
धनु राशि वालों के लिए ग्रहण बारहवें भाव में रहेगा।
विवादित सौदों से बचना।
संतान पक्ष को लेकर सावधान रहना।
कानून से खिलवाड़ नुकसान दे सकती है।
प्रभाव
धनु राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन मनोनुकूल रहेगा।
अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिलेगी।
पिछली समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
ऋण से छुटकारा मिलेगा।


मकर राशि
सावधानी
मकर राशि वालों के लिए ग्रहण ग्यारहवें भाव में रहेगा।
जीवन साथी के साथ विश्वासघात नहीं करें।
संतान पक्ष से विशेष सावधान रहें।
बुजुर्गों की सलाह नजर अंदाज नहीं करें।
प्रभाव
मकर राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन बहुत शुभ व लाभदायक रहेगा।
कारोबार में मनोनुकूल परिस्थितियां बनेगी।
कारोबार में किये गये प्रयास मनोनुकूल फल प्रदान करेंगे।
धन लाभ की प्राप्ति होगी।
आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
पारिवारिक समस्याओं का निवारण होगा।
परीक्षा और प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी।



कुंभ राशि
सावधानी
कुंभ राशि वालों के लिए ग्रहण दसवें भाव में रहेगा।
शत्रु से सावधान रहें।
नौकरी और व्यवसाय में अंधा विश्वास नहीं करें।
चल और अचल संपत्ति खरीदते समय विशेष सावधानी बरतें।
प्रभाव
कुंभ राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन ठीक रहेगा।
नौकरी में किये गये प्रयास सफल होंगे।
व्यवसाय में लाभ प्राप्त होगा।
अध्यात्म उन्नति के अवसर मिलेंगे।
अकस्मात धन और व्यवसाय में वृद्घि होगी।
मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।


मीन राशि
सावधानी
मीन राशि वालों के लिए ग्रहण नौंवे भाव में रहेगा।
स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें।
भाई-बहनों के संबंधों को लेकर लापरवाही नहीं बरतें।
कुसंगति नुकसान का कारण बन सकती है।
प्रभाव
मीन राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा।
किये गए प्रयासों में आशातीत लाभ की प्राप्ति होगी।
पुराने मित्रों से मिलन होगा और उनके सहयोग से लाभ प्राप्त होगा।


ये बारह मंत्र करेंगे आपका कल्याण
मेष राशि
संकट मोचन स्तोत्र का पाठ करें।

वृष राशि
पाशुपत स्तोत्र का पाठ करें
मिथुन राशि
भú नमो प्रीं पीताम्बराय नम:॥ मंत्र का 108 बार जाप

कर्क राशि
ú स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सह चन्द्रमसे नम:॥ मंत्र की एक माला जाप करें।

सिंह राशि
ú क्लीं ब्रह्मïणे जगदाधाराय नम:॥
कन्या राशि
ú ऐं ह्रïीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे॥ मंत्र की एक माला जाप करें।

तुला राशि
ú गोपालाय उत्तर ध्वजाय नम:॥ मंत्र का जाप

वृश्चिक राशि
ú ह्रïीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम: मंत्र का 3 माला जाप करे।

धनु राशि
ृहस्पति के बीज मंत्र का 11 माला जाप करें।

मकर राशि
मंगलकारी शनि मंत्र का जाप करें

कुम्भ राशि
पांच पाठ दशरथकृत शनि स्तोत्र का करें

मीन राशि
पांच पाठ सिद्ध कुुंजिका स्तोत्र का करें।


ग्रहण के दिन किया जाने वाला अभूतपूर्व, कल्याणकारी तत्क्षण फल देने वाला दान

मेष राशि
मंगलवार के दिन लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।
वृषभ राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

मिथुन राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरूष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।

कर्क राशि
चन्द्रमा की वस्तुओं का दान करें, जैसे - दही, चावल, सफेद व, सफेद चंदन, चीनी आदि का दान दें। अवश्य लाभ मिलेगा।

सिंह राशि
सूर्य से संबंधित दान की वस्तुएं, जैसे - लाल व, गेहूं, लाल चंदन, बछड़े सहित लाल गाय, माणिक्य, तांबे के बर्तन, नारियल एवं लाल फल सहित किसी सुपात्र या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराकर इन वस्तुओं का दान देने से सूर्य के अनुकूल फल की प्राप्ति में सुगमता आती है।
कन्या राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरुष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।

तुला राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

वृश्चिक राशि
लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।

धनु राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। जैसे पीले चावल, चने की दाल, शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूश को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

मकर राशि
काले तिल, उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र, ऊन, कुलथी दान दें। संपूर्ण मनोकामना पूरी होगी

कुंभ राशि
श्रद्घानुसार जौ, देसी चने, गुड़, नीले पुष्प, जूता, छाता, कस्तूरी आदि श्रद्घानुसार दान करने से लाभ प्राप्त होगा।
मीन राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूष को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती महाराज


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